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रूह की प्यास बुझा दी थी तेरी सोहबत ने, तू कोई झील

रूह की प्यास बुझा दी थी तेरी सोहबत ने,
तू कोई झील थी,झरना थी,घटा थी,क्या थी..!

नाम होठों पे तेरा आया तो राहत सी मिली,
तू तसल्ली थी,दिलासा थी,दुआ थी,क्या थी..!!

©Ankit Chaturvedi #मेरीजिन्दगी#न्यूपोस्ट#वायरल

#alone
रूह की प्यास बुझा दी थी तेरी सोहबत ने,
तू कोई झील थी,झरना थी,घटा थी,क्या थी..!

नाम होठों पे तेरा आया तो राहत सी मिली,
तू तसल्ली थी,दिलासा थी,दुआ थी,क्या थी..!!

©Ankit Chaturvedi #मेरीजिन्दगी#न्यूपोस्ट#वायरल

#alone