Nojoto: Largest Storytelling Platform

अंत ये अनंत है ये अंत की शुरुवात है जन्म जो तू ले

अंत ये अनंत है ये अंत की शुरुवात है जन्म जो तू ले रहा तो अंत
तेरे साथ है, कर्म जो तू कर रहा हर एक पल हे आत्मा तुच्छ जो तू
सोचता है लेखा उसके हाथ है, कह रहा वो बार-बार की कर्म कर
अच्छे -भले,कर्म करेगा जैसा भी तू फल भी वैसा पायेगा,कर्म
जो तू कर रहा तो रुक के सोच ले जरा,कर गया अधर्म जो तू बहुत
ही पछतायेगा, कर्म बस तू करता जा न सोच कौन है सामने ,जो तूने
जन्म ले लिया ये कर्म की शुरुवात है

©Ankit Rai
  #TiTLi #janm he karm ki shuruaat hai#hindi poem# new poem
ankitrai5051

Ankit Rai

New Creator

#TiTLi #janm he karm ki shuruaat haihindi poem# new poem #कविता

443 Views