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तेरी बातो की शीतलता हो जैसे लेह का पानी तो फिर आंख

तेरी बातो की शीतलता
हो जैसे लेह का पानी
तो फिर आंखे धधक्ती क्यूं
हो जैसे युद्ध में काली

तू बिलकुल बर्फ जैसा है 
कभी तू अर्श  जैसा है
अगर जो थाम भी ले तो
जलेगें तेरी ठंडक में
अगर हम पा भी ले तुझको
गिरेंगे तेरी नाज़रो में

लो जलना चुन लिया हमने
मगर हम गिर ना पायेंगे
ये आंखे इितनी गेहरी है की
हम फिर मिल ना पायेंगे

जो जलते रह गए हम तो
कभी ये बर्फ पिघलेगी
फिर होंगी बातें ऐसी की
सारी दुनिया ये बोलेगी
तेरी बातो की शीतलता 
हो जैसे लेह का पानी

©HARSH UPADHYAY #love
#selfless

#paper  Ibrat @internetjockey
तेरी बातो की शीतलता
हो जैसे लेह का पानी
तो फिर आंखे धधक्ती क्यूं
हो जैसे युद्ध में काली

तू बिलकुल बर्फ जैसा है 
कभी तू अर्श  जैसा है
अगर जो थाम भी ले तो
जलेगें तेरी ठंडक में
अगर हम पा भी ले तुझको
गिरेंगे तेरी नाज़रो में

लो जलना चुन लिया हमने
मगर हम गिर ना पायेंगे
ये आंखे इितनी गेहरी है की
हम फिर मिल ना पायेंगे

जो जलते रह गए हम तो
कभी ये बर्फ पिघलेगी
फिर होंगी बातें ऐसी की
सारी दुनिया ये बोलेगी
तेरी बातो की शीतलता 
हो जैसे लेह का पानी

©HARSH UPADHYAY #love
#selfless

#paper  Ibrat @internetjockey