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बड़ी विडम्बना है , जीते जी २ प्रेम की बोली नहीं नि

बड़ी विडम्बना है ,
जीते जी २ प्रेम की बोली नहीं निकलती मुख से
और आज श्राद्ध पक्ष में खिला रहे खीर 
जीते जी कभी पूजे नहीं पैर
अब करते है गया काशी की सैर ! Praise ur parents before god
बड़ी विडम्बना है ,
जीते जी २ प्रेम की बोली नहीं निकलती मुख से
और आज श्राद्ध पक्ष में खिला रहे खीर 
जीते जी कभी पूजे नहीं पैर
अब करते है गया काशी की सैर ! Praise ur parents before god