तोड़ दिया था जंजीरों को ,जो बन बैठी थीं कमजोरी हमारी, गुलाम किया था हमको ,पर मिल गया था छुटकारा इस दिन, सोच अभी सायाद अब गुम है , तोड़ो अब इन जंजीरों को जात पात का भेद मिटा दो , सभी धर्मो को इक सार मिला दो मिलके लिखो देश की तकदीर को ।। जय हिन्द , जय भारत।।। #भारत#भारत_माता_की_जय#देश#इंडिपेंडेंस_डे#सोच#जिंदगी_इसी_का_नाम_है