अपना काम निकलवाने के लिए एक-एक शब्द शहद में डुबोकर बोलते हैं, दुनिया की हर एक अच्छी बुरी बात को हमेशा स्वार्थ के तराजू में तोलते हैं, ओछे की प्रीत बालू की भीत अब तो जगजाहिर है दुनिया में सभी को ये रीत। ♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_278 👉 ओछे की प्रीत बालू की भीत लोकोक्ति का अर्थ ---- नीच लोगों का प्रेम क्षणिक होता है। ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ दो लेखकों की रचनाएँ फ़ीचर होंगी।