चल पड़ा हूं आज करने को एक यात्रा जीवन की अंतिम यात्रा दोस्त दुश्मन सब आये है मेरे घर ,सजाने को शय्या मेरी बाँधा जा रहा था मुझको लकड़ियों के चार कोनों से लपेटा जा रहा था धागा भी सिर से पांव तक विलाप क्रन्दन का ही शोर और मैं ख़ामोश था पड़ा कंधो पे ऐसे उठाया गया जैसे झूले में झूला रहे हो राम नाम सत्य है राम नाम सत्य है बस यही बता रहे हो लश्कर लोंगो का संग मेरे चल पड़ा पर आगे अकेले छोड़ गुम ये मेला हो गया कुछ अपने कुछ औरों की आंखे मैं नम कर चला वैसे तो कई बार गुजरा हूं उस रास्ते से आज मगर कुछ छोड़ता हुआ मैं चला जिंदगी के कुछ सफर अकेले ही तय करने होते हैं इस को सार्थक सिद्ध करने को चल पड़ा दीन दुनिया सुख दुख त्याग नए ठीकाने मृत्यु के बहाने इस सफर में कोई हमसफ़र नही जो जिया वो जीवन से कम नही अंतिम ये यात्रा किसी और के सहारे मैं कर चला अंतिम सफर #yqbaba #yqdidi #tpmd #death #finaljourney #parallelpoets #fearoflosing #yqbhaijaan