सबसे अधिक चाहे गए व्यक्ति किसी दिन नकारे गए सबसे अधिक बोली गयी भाषा किसी दिन चुप रही सबसे अधिक लिखे गए पत्र किसी दिन जला दिए गए सबसे अधिक याद था जो किसी दिन भुला दिया गया पर मेरे जीवन में तुम्हारी उपस्थिति मंदिर में बैठे ईश्वर की तरह है धूप छाव जैसी भी रही एक बार किवाड़ जरूर खुलते हैं एक बार याद जरूर किया जाता है तुमको एक बार चेष्टा जरूर की जाती है तुम्हारी । फर्क नहीं पड़ता ,तुम साथ हो यां नही तुम्हारी यादों के घर का किवाड़ जरूर खुलता है।।।।