होलिका दहन की रात है, जलती है आग और राख है। सभी लोग मनाते हैं, पर कुछ लोगों के दिल में दर्द है। जहां आग जलती है, वहीं दिल भी जलता है। कुछ लोगों की मुस्कान होती है, पर कुछ लोगों की आँखों में आंसू होते हैं। होलिका दहन की रात है, जब दर्द भी लोगों के साथ है। ये रात भी नहीं जानती, कि किसका दर्द कितना गहरा है। कुछ लोगों के दर्द का कारण, कुछ जुदाई होती है। कुछ लोगों के दर्द का कारण , कुछ संघर्ष होता है। पर होलिका दहन की रात में, सभी लोग अपने दर्दों को भुलाते हैं। दिल में अपनी आशाओं को जलाते हैं, और नई उम्मीदों के साथ नए सपने सजाते हैं। होलिका दहन की रात है, जब दर्द भी लोगों के साथ है। पर उम्मीद और सपनों की आग हमेशा जलती है, जो लोगों को नए दिन के लिए प्रेरित करती है। ©विवेक कुमार मौर्या (अज्ञात ) happy holika dahan....