"प्रेम" प्रेम कर प्रेम को तंग करना गुनाह है बिन उसकी मर्जी के उसे जा चूम लेना भी गुनाह है प्रेम हम मानते हैं किसी से भी हो सकता है पर उसे भी हो तभी कुछ बात बनता है उसे हुए बिन प्रेम में बस इंतजार ही होता है बाकी कुछ सोचना भी गुनाह सा होता है प्रेम एक तरफा में जब इज़हार हो जाता है वहीं से ओ रोग लाइलाज हो जाता है बरना प्रेम तो महारोग हो कर भी दुनिया का हर रोगो को ठीक करने वाला दवा एक खास होता है। @खुशबू कुमारी। #पोएट्री ऑनलाइन# खास दवा