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त्यक्त्वा धर्मप्रदां वाचं पुरुषां योऽभ्युदीरयेत्

त्यक्त्वा धर्मप्रदां वाचं पुरुषां
 योऽभ्युदीरयेत् ।
परित्यज्य फलं पक्वं भुङ्क्तेऽपक्वं विमूढधीः।।

अर्थात-जो धर्मयुक्त ( सत्य एवं प्रिय) वाणी को छोड़कर कठोर वचन बोलता है वह उसी मूर्ख के समान है जो पके हुए फल को छोड़कर कच्चा फल खाता है।       आचार्य-विनय पाण्डेय

©vinay pandey #goodthink
त्यक्त्वा धर्मप्रदां वाचं पुरुषां
 योऽभ्युदीरयेत् ।
परित्यज्य फलं पक्वं भुङ्क्तेऽपक्वं विमूढधीः।।

अर्थात-जो धर्मयुक्त ( सत्य एवं प्रिय) वाणी को छोड़कर कठोर वचन बोलता है वह उसी मूर्ख के समान है जो पके हुए फल को छोड़कर कच्चा फल खाता है।       आचार्य-विनय पाण्डेय

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