जिस दिन से इन्सान अपनों को ग़ैर और ग़ैरों को अपना समझने लगता है, उसी दिन से उसके इल्म व हुनर का, काबिलियत व क़ूवत का, अहमियत व सदाक़त का ख़ात्मा शुरू हो जाता है॥ ©Silent Shayar जिस दिन से #इन्सान अपनों को #ग़ैर और ग़ैरों को अपना समझने लगता है, उसी दिन से उसके #इल्म व हुनर का, #काबिलियत व क़ूवत का, #अहमियत व सदाक़त का ख़ात्मा शुरू हो जाता है॥ #feelings #SAD #Rizwan_Ahamad_Faizi #Love #alone