खास हैं वो, मेरे पास है वो, संग नहीं वो मेरे , पर साथ है वो , इक एहसास है वो मेरा पहचान है वो मेरे जिंदगी की खूबसूरत सी राज है वो आश है वो पास है वो मेरी यादों में बसी इक एहसास है वो जुल्म भी वो सितम भी है वो और मेरे हर जख्मों का मरहम भी वो कोई बात भी नहीं उससे, पर हर बात है उससे जब संग रहे तो जान है वो, दूर हो जाए तो प्राण है वो बड़ी नाजूक हैं वो, गुलाब सी कांटा भी नहीं ऐसी गुलाब हैं वो सात वर्ष संग यूं बीते जैसे बीती कल की बात है वो मिला बेहिसाब प्यार जिस से मुझे ऐसा मेरा दिलदार है वो ना चाहा वो मुझसे कभी कुछ सिवा मेरे प्यार के ऐसा बिछड़ा हुआ मेरा प्यार था वो।। To be continued......... ©Abhishek poddar When someone asked about you खास हैं वो, मेरे पास है वो, संग नहीं वो मेरे , पर साथ है वो , इक एहसास है वो मेरा पहचान है वो मेरे जिंदगी की खूबसूरत सी राज है वो