कैसे कहूँ कैसे रहा फिर यार मैं तेरे बिना, ज़िन्दा रहा के या मरा फिर यार मैं तेरे बिना, मुझको तसल्ली दे गई थी ये हवा बरसात की, फिर भी तड़पता ही रहा हूँ यार मैं तेरे बिना, तेरे तसव्वुर में कटे थे रात दिन मेरे जहाँ, उस राह पे तन्हा रहा फिर यार मैं तेरे बिना, पहुँचा हूँ करने पार ये अब इश्क़ का दरिया सनम, ले आ गया इस पार हूँ अब यार मैं तेरे बिना, अब तक जो गुज़रे साथ में पल तुम कहो क्या नाम दूँ, कैसे रहूँगा ता उमर फिर यार मैं तेरे बिना।— % & Yaar main tere bina #yqdidi #yqhindi #yqshayari #yqpoetry #hindi #sanubanu