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शपथ हुई नई सरकार की कुबूल करें बधाई ! जनहित पताका

शपथ हुई नई सरकार की कुबूल करें बधाई !
जनहित पताका फहरेगी उम्मीद न जग पाई !!

चुनाव बीत गया, मणिपुर की परवाह न दिखी !
लगता है नेताओं ने मणिपुर महत्ता न समझी !!

महिलाओं का सरेआम निर्वस्त्र जुलूस निकाला !
सारे देश का सर झुका शर्म से नेता न शर्माया !!

उन्नाव हाथरस जैसे घिनौने कांड रुकेंगे अगर नहीं !
इस जीत हार का जन मन में कोई अर्थ रहेगा नहीं !!

किसानों के आंदोलन पर भी गोलियां तक चली !
इससे अंग्रेजों से ज्यादा क्रूरता अग्रजों में दिखी !!

नामचीन खिलाड़ियों के शोषण की आवाज न सुनी !
आखिर क्यूं ही है सरकारें इस कदर गूंगी बहरी !!

बड़े इंतिहानों तक पहुंचना कम ही को नसीब होता !
अफसोस, यहां पेपर लीक दिनों दिन अधिक होता !!

हजारों सीटों के लिए लाखों विद्यार्थी परीक्षा देते !
उनकी उम्मीदों पे नेता आसानी से पानी फेर देते !!

मिलीजुली हो या हो एक दल की सरकार !
लगता है किसी का जनहित से नहीं कोई सरोकार !!

नेता की दृष्टि चुनावी जीत से आगे देख ही नहीं पाती !
जीत हार गणित पे ही सारी सोच सिमटी नजर आती !!

जुए के विज्ञापनों पर रोक की चुनावों में चर्चा ही न हुई !
यानि युवा पीढ़ी के रक्षण की किसी की  इच्छा ही नहीं !!

नाना प्रकार का नशा सुलभता से सभी जगह उपलब्ध है !
इन पर बड़ी कड़ी कार्यवाही हो पाना लगता है असंभव है !!

छोटी मोटी छापेमारी की खबरें आती रहती है !
बड़ी मात्रा में धरपकड़ की सुर्खियां न बन पाती है !!

संविधान में शक्ति संतुलन सोच समझ कर सुझाया गया !
एक की गलती दूजा पकड़ सके, ऐसा संविधान बनाया गया !!

आज सारे मिल जुल कर जनहित की होली कर रहे !
नामशेष आजादी में बुद्धिजीवी घुट घुट कर जी रहे !!
- आवेश हिंदुस्तानी 10.06.2024

©Ashok Mangal #AaveshVaani 
#JanMannKiBaat 
#chunav 
#election
शपथ हुई नई सरकार की कुबूल करें बधाई !
जनहित पताका फहरेगी उम्मीद न जग पाई !!

चुनाव बीत गया, मणिपुर की परवाह न दिखी !
लगता है नेताओं ने मणिपुर महत्ता न समझी !!

महिलाओं का सरेआम निर्वस्त्र जुलूस निकाला !
सारे देश का सर झुका शर्म से नेता न शर्माया !!

उन्नाव हाथरस जैसे घिनौने कांड रुकेंगे अगर नहीं !
इस जीत हार का जन मन में कोई अर्थ रहेगा नहीं !!

किसानों के आंदोलन पर भी गोलियां तक चली !
इससे अंग्रेजों से ज्यादा क्रूरता अग्रजों में दिखी !!

नामचीन खिलाड़ियों के शोषण की आवाज न सुनी !
आखिर क्यूं ही है सरकारें इस कदर गूंगी बहरी !!

बड़े इंतिहानों तक पहुंचना कम ही को नसीब होता !
अफसोस, यहां पेपर लीक दिनों दिन अधिक होता !!

हजारों सीटों के लिए लाखों विद्यार्थी परीक्षा देते !
उनकी उम्मीदों पे नेता आसानी से पानी फेर देते !!

मिलीजुली हो या हो एक दल की सरकार !
लगता है किसी का जनहित से नहीं कोई सरोकार !!

नेता की दृष्टि चुनावी जीत से आगे देख ही नहीं पाती !
जीत हार गणित पे ही सारी सोच सिमटी नजर आती !!

जुए के विज्ञापनों पर रोक की चुनावों में चर्चा ही न हुई !
यानि युवा पीढ़ी के रक्षण की किसी की  इच्छा ही नहीं !!

नाना प्रकार का नशा सुलभता से सभी जगह उपलब्ध है !
इन पर बड़ी कड़ी कार्यवाही हो पाना लगता है असंभव है !!

छोटी मोटी छापेमारी की खबरें आती रहती है !
बड़ी मात्रा में धरपकड़ की सुर्खियां न बन पाती है !!

संविधान में शक्ति संतुलन सोच समझ कर सुझाया गया !
एक की गलती दूजा पकड़ सके, ऐसा संविधान बनाया गया !!

आज सारे मिल जुल कर जनहित की होली कर रहे !
नामशेष आजादी में बुद्धिजीवी घुट घुट कर जी रहे !!
- आवेश हिंदुस्तानी 10.06.2024

©Ashok Mangal #AaveshVaani 
#JanMannKiBaat 
#chunav 
#election
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Ashok Mangal

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