एक पुरानी कविता,,आजकल सबको किसान याद आ रहे है तो उनके लिए...।। नमस्ते दोस्तों, मेरी नई कविता "किसान" ,किसानों कि व्यथा उनके दर्दों को दर्शाति हुई,अफसोस भारत जैसे कृषि प्रधान देश मे भी किसानों कि यह दुर्दशा शर्मनाक है,कृपया कविता के भाव को समझें । धन्यवाद ।॥ "किसान" बारिश ना अाई तो रोया,बारिश आई तो रोया, ओला बरसा तो रोया,अग्निगोला भडका तो रोया,