नजरों का धोखा है या बातों का फरेब, कोई समझें हमको बेखबर या फिर नेक, फर्क उसको पड़े मेरी नींद का, या जीने का संग इरादा है नेक, सोचता हूं क्या हूं मैं, दिलबर उसका या हसबैंड नेक, कभी वो जान और जानू कहते हैं, मुझे लगता है उसका मेरा रिश्ता है नेक..! मुझे लगता है..........!