तेरी यादो से मै कभी ग़ाफ़िल नहीं रहा ! एक तेरे सिवाह कुछ और सोचने के काबिल नहीं रहा ! जाने क्यू सबको फिज़ूल लगती है अब तो हर बात मैरी,, पहली की तरह अब मै काबिल ए तारीफ नहीं रहा ! शायर Rmk..... तेरी यादो से मै कभी ग़ाफ़िल नहीं रहा ! एक तेरे सिवाह कुछ और सोचने के काबिल नहीं रहा ! जाने क्यू सबको फिज़ूल लगती है अब तो हर बात मैरी,, पहली की तरह अब मै काबिल ए तारीफ नहीं रहा ! शायर Rmk.....