पीठ पीछे तारीफ और मुँह पर बुराई उसी की होती है जो वास्तव में उसी का हकदार होता है! अपितु इसका उल्टा अगर हो मतलब केे पीठ पीछे बुराई और मुँह पर तारीफ, तो वह चापलूसी और जलन केे सिवाय कुछ नहीं है!! कहना था बस कह दिया ~~~ निशान्त ~~~ पीठ पीछे