"मैंने जिंदगी से चवन्नी का सौदा किया, और जिंदगी ने मुझे इससे ज्यादा नहीं दिया, हालाँकि जब शाम को मैंने अपनी मज़बूरी गिनी तो मैंने और ज्यादा पैसे मांगे। "जिंदगी एक न्यायप्रिय मालिक है, यह आपको उतना ही देती है जितना आप माँगते हैं, परन्तु एक बार अपनी मज़दूरी तय कर लेते हैं, तो फिर आपको उतने पर ही काम करना पड़ता है, मैं एक मजदूर की तनख्वाह पर काम करता रहा, मैंने यही सीखा, और सोचकर निराश हुआ कि मै जिंदगी से जो भी तनख्वाह माँगता जिंदगी मुझे ख़ुशी-ख़ुशी वही दे देती।" #Tankhwah