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कब तक जस्टिस जस्टिस बोलो गे। कब तक बेटियो के जिस्म

कब तक जस्टिस जस्टिस बोलो गे।
कब तक बेटियो के जिस्म को दर्दनाक मौत से तौलोगे।

एक बार नही दो बार नही,
बेटी का रेप हज़ार बार हुआ।

नोट, नियम कानून सब चेंज हुआ,
लेकिन बेटियो के इस दर्द से कौई नेता बेचैन नही हुआ।

हर गली, हर मुहल्ले में बेटी लाचार है,
कहा गुम हो गए वो, जो कहते थे हम भी चौकीदार है।

बेटी को महंगा फ़ोन नही, सीधे बंदूक दो,
हर बार मोमबत्ती जलाने से अच्छा है, रेपिस्ट जलाएं।

शायद उस दिन ताला टूटेगा, सविधान की पेटी का,
जिस दिन जिस्म निचोड़ जाएगा, 70 महिला सांसद की बेटी का।

भारत के कानून में कुछ बदलाव होनी चाहिए,
ये दरिंदे सलाखों में नही, सलाखें इनकी जिस्म में होनी चाहिए।
क्योकि
अब हर गुनाहों का हिसाब होना चाहिए।

©Kavita Mehta #Anhoni  agyani Film director director Aadesh kumar Jaleshwar Sen Laj Kumar
कब तक जस्टिस जस्टिस बोलो गे।
कब तक बेटियो के जिस्म को दर्दनाक मौत से तौलोगे।

एक बार नही दो बार नही,
बेटी का रेप हज़ार बार हुआ।

नोट, नियम कानून सब चेंज हुआ,
लेकिन बेटियो के इस दर्द से कौई नेता बेचैन नही हुआ।

हर गली, हर मुहल्ले में बेटी लाचार है,
कहा गुम हो गए वो, जो कहते थे हम भी चौकीदार है।

बेटी को महंगा फ़ोन नही, सीधे बंदूक दो,
हर बार मोमबत्ती जलाने से अच्छा है, रेपिस्ट जलाएं।

शायद उस दिन ताला टूटेगा, सविधान की पेटी का,
जिस दिन जिस्म निचोड़ जाएगा, 70 महिला सांसद की बेटी का।

भारत के कानून में कुछ बदलाव होनी चाहिए,
ये दरिंदे सलाखों में नही, सलाखें इनकी जिस्म में होनी चाहिए।
क्योकि
अब हर गुनाहों का हिसाब होना चाहिए।

©Kavita Mehta #Anhoni  agyani Film director director Aadesh kumar Jaleshwar Sen Laj Kumar
kavitamehta2114

Kavita Mehta

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