ये घर अब घर नहीं है बस मकान है तुम्हारा वापस तुम मुझसे ले लो जो समान है तुम्हारा खोकर भी ख़ुद को तुझमें मुझे कहाँ तुम मिली हो शायद अब अलग-अलग हैं जो कभी मुकाम था हमारा रास्ते भी जुदा हैं मँज़िले भी अब अलग हैं किस्मत में भी लिखा था शायद अंजाम यही हमारा... घर अब घर नहीं रहे। #घरनहींरहे #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi