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छत्रपति संभाजी महाराज ने मुग़ल साम्राज्य के नाक मे

छत्रपति संभाजी महाराज ने मुग़ल साम्राज्य के नाक में दम कर दिया था.

CHHAAVA संभाजी महाराज ने औरंगजेब की सरपरस्ती को मानने से इंकार कर दिया.

मराठों को सबक सिखाने के लिए औरंगजेब 4,00,000 जानवर और 5,00,000 सैनिक लेकर डेक्कन की ओर कूच कर देता है.

1681 से लेकर 1707 तक यानी 25 सालों तक औरंगजेब डेक्कन में उलझा रहा. दो महान शासकों की लड़ाई में एक को पराजित होना पड़ता है.

संभाजी महाराज पराजित हुए. यातनाएं देने के बाद उनकी लाश को फेंक दिया गया था और एलान किया गया जो भी उनकी लाश का उठाएगा उसका भी ऐसा ही हश्र होगा.

शूरवीर गणपत महार हिम्मत करके संभाजी के पार्थिव शरीर को उठाकर महारवाड़ा ले जाकर अंतिम संस्कार करता है और यहीं आज संभाजी की समाधि है.

©Sumit Prajapati #shivajimaharaj
छत्रपति संभाजी महाराज ने मुग़ल साम्राज्य के नाक में दम कर दिया था.

CHHAAVA संभाजी महाराज ने औरंगजेब की सरपरस्ती को मानने से इंकार कर दिया.

मराठों को सबक सिखाने के लिए औरंगजेब 4,00,000 जानवर और 5,00,000 सैनिक लेकर डेक्कन की ओर कूच कर देता है.

1681 से लेकर 1707 तक यानी 25 सालों तक औरंगजेब डेक्कन में उलझा रहा. दो महान शासकों की लड़ाई में एक को पराजित होना पड़ता है.

संभाजी महाराज पराजित हुए. यातनाएं देने के बाद उनकी लाश को फेंक दिया गया था और एलान किया गया जो भी उनकी लाश का उठाएगा उसका भी ऐसा ही हश्र होगा.

शूरवीर गणपत महार हिम्मत करके संभाजी के पार्थिव शरीर को उठाकर महारवाड़ा ले जाकर अंतिम संस्कार करता है और यहीं आज संभाजी की समाधि है.

©Sumit Prajapati #shivajimaharaj
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Subhi Singh

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