ऐ दर्द भरे दील से कयु बात निकल जाती है खूदा भी न रोक सके ऐसी आह आती है रूला दे ऐ खूदा को भी ऐसा दर्द लाती है सिर्फ प्यार मे ही दर्द भरी रात नजर आती है - musafir