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वो वक्त जरूरी था कितना मैने आज पहचान लिया जब मिल

वो वक्त जरूरी था कितना 
मैने आज पहचान लिया

जब मिले पुराने लोग वही
उन्हें फिर से मैने याद किया

कुछ हुआ उन्हें या किया किसी ने 
मुझको तो कुछ ज्ञात नहीं

 हुआ दर्द कितना होगा 
आज मैने उसे पहचान लिया

भाग्य था या कर्म हमारे 
जो उनको मुझ से छीन लिया 

मन करता तुझ से खफा  रहूं
जो मुझको तुमने अनाथ किया

क्या होता गर जो उस दिन तुम 
अपनी नियति को बदल देते

छोटा था मै उमर ही क्या थी
ये सोच कर तुम पिघल लेते

खातिर जो तुम मेरे ही
पापा को मेरे दान में जीवन देते

कर्ज चुकाने को तुम कान्हा 
मेरा जीवन ले लेते 

भाई मेरा बहुत छोटा था जब 
तुम उसको तो खुश कर देते

©kavi abhiraj पापा की याद
वो वक्त जरूरी था कितना 
मैने आज पहचान लिया

जब मिले पुराने लोग वही
उन्हें फिर से मैने याद किया

कुछ हुआ उन्हें या किया किसी ने 
मुझको तो कुछ ज्ञात नहीं

 हुआ दर्द कितना होगा 
आज मैने उसे पहचान लिया

भाग्य था या कर्म हमारे 
जो उनको मुझ से छीन लिया 

मन करता तुझ से खफा  रहूं
जो मुझको तुमने अनाथ किया

क्या होता गर जो उस दिन तुम 
अपनी नियति को बदल देते

छोटा था मै उमर ही क्या थी
ये सोच कर तुम पिघल लेते

खातिर जो तुम मेरे ही
पापा को मेरे दान में जीवन देते

कर्ज चुकाने को तुम कान्हा 
मेरा जीवन ले लेते 

भाई मेरा बहुत छोटा था जब 
तुम उसको तो खुश कर देते

©kavi abhiraj पापा की याद
ambujpandey2806

kavi abhiraj

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