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बेनूर हुए चेहरे को अब सजाना कैसा आईने को निहारक

बेनूर हुए  चेहरे को अब सजाना कैसा
आईने  को  निहारकर  लजाना  कैसा !

इश्क़-ए-ख़ुदा  में  जब  मन डूब  गया
फिर  दोनों  जहान का खज़ाना कैसा !

आँखों ने  बतला दिया  हाल-ए- दिल
अब  ज़ुबाँ  से  कुछ भी बताना कैसा !

इंतज़ार करते  करते  साँसें रुक गयीं
अब रो रो कर  मुर्दे को जगाना कैसा !

दिल में थी तुम्हारे लफ़्ज़ों की रागिनी 
टूटे हुए साज़  को  अब बजाना कैसा !

बदक़िस्मती हँस रही पहले से जिसपर
उस  मज़लूम को देख मुस्कुराना कैसा !

मान बैठा  मलय  मुहब्बत नसीब नहीं
तन्हाइयों  में  फ़िर  रोना  गाना  कैसा !

©malay_28 #बताना कैसा

#sagarkinare
बेनूर हुए  चेहरे को अब सजाना कैसा
आईने  को  निहारकर  लजाना  कैसा !

इश्क़-ए-ख़ुदा  में  जब  मन डूब  गया
फिर  दोनों  जहान का खज़ाना कैसा !

आँखों ने  बतला दिया  हाल-ए- दिल
अब  ज़ुबाँ  से  कुछ भी बताना कैसा !

इंतज़ार करते  करते  साँसें रुक गयीं
अब रो रो कर  मुर्दे को जगाना कैसा !

दिल में थी तुम्हारे लफ़्ज़ों की रागिनी 
टूटे हुए साज़  को  अब बजाना कैसा !

बदक़िस्मती हँस रही पहले से जिसपर
उस  मज़लूम को देख मुस्कुराना कैसा !

मान बैठा  मलय  मुहब्बत नसीब नहीं
तन्हाइयों  में  फ़िर  रोना  गाना  कैसा !

©malay_28 #बताना कैसा

#sagarkinare
malay285956

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