Nojoto: Largest Storytelling Platform

अंजान रास्तों से गुज़रना पड़ता है, अनचाहें पत्थर

अंजान  रास्तों  से  गुज़रना  पड़ता है,
अनचाहें पत्थरों से उलझना पड़ता है।
सफ़र कितने भी दुश्वारियों से भरा हो,
मंज़िल की ख़ातिर सँवरना  पड़ता है।
हवाओं  के  रुख  तो  बदलते रहते है,
घर के  पास ही एक  झरना पड़ता है।
इक उदास चाँद  उदास करती चाँदनी,
जब रात उदास हो तो डरना पड़ता है।
इनकार इक़रार मोहब्बत की  तलब है,
दुबारा जीने के ख़ातिर मरना पड़ता है। चाँद और चाँदनी(कविता)
#कोराकाग़ज़ 
#collabwithकोराकाग़ज़ 
#विशेषप्रतियोगिता 
#kkpc18
#yqdidi 
#yqbaba 
#poetry
अंजान  रास्तों  से  गुज़रना  पड़ता है,
अनचाहें पत्थरों से उलझना पड़ता है।
सफ़र कितने भी दुश्वारियों से भरा हो,
मंज़िल की ख़ातिर सँवरना  पड़ता है।
हवाओं  के  रुख  तो  बदलते रहते है,
घर के  पास ही एक  झरना पड़ता है।
इक उदास चाँद  उदास करती चाँदनी,
जब रात उदास हो तो डरना पड़ता है।
इनकार इक़रार मोहब्बत की  तलब है,
दुबारा जीने के ख़ातिर मरना पड़ता है। चाँद और चाँदनी(कविता)
#कोराकाग़ज़ 
#collabwithकोराकाग़ज़ 
#विशेषप्रतियोगिता 
#kkpc18
#yqdidi 
#yqbaba 
#poetry