कुछ दूर का सफ़र जिंदगी का होता है शुरू माँ के कोख से जब अपनी सांसों का शरीर से होता है गठबंधन सफ़र शुरू का बहुत ही यादें छोड़ जाता है माँ का प्यार से पिता की डाँट तक बहन भाई के लड़ाई झगड़े तक सफ़र कुछ जिम्मेदारी की पूरी करनी पड़ती है इसी बीच प्यार का हॉर्न कानों में सुनाई देती है तब लगता है ज़िंदगी का सफ़र बहुत खूबसूरत है तब जा कर लगती है जिंदगी पूरी हुई है मिलता है जब साथ सही हमसफ़र का जिंदगी के सफ़र में छोटी छोटी खुशी मिलती रहती हैं सफ़र कटती जाती है लड़खड़ाती है जब उम्र और शरीर धीरे धीरे साथ छोड़ते हैं पहुँच जाता ही सफ़र अपनी मंजिल की ओर फिर से अनंत यात्रा के लिए। ♥️ Challenge-657 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।