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एक कविता उस कवि के नाम! एक कविता उस कवि के नाम,

एक कविता उस कवि के नाम!


एक कविता उस कवि के नाम,
जो,
ठहरी हुई जिंदगी में गुजरे हुए लमहों से लेकर,
शराफत में बीत रहे वक्त्त की आफत पर लिखता है कविता।
एक कविता उस कवि के नाम,
जो,
झुकी हुई निगाहों में चमकती मोहब्बत से लेकर,
बदलते इंसानों केदौर में दोषी ठहराते समय पर लिखता है कविता।
यह कविता उस कवि के नाम,
जिसनें,
जंजीरों में जकड़े हिमालय से आज़ाद हिन्द के वारे में लिखा,
सोने की चिरैया से खोखले हिन्दुस्तान के वारे में लिखा।
यह कविता उस कवि के नाम,
जिसनें,
सरफरोशी से वंदेमातरम के वारे में लिखा,
रात के सन्नाटे में छिपी चांदनी की एहसास के वारे में लिखा।
आज मैं लिखा रही हूँ उस कवि के बारे में, 
जिसनें,
किताबों के पन्नो के बीच लिखे शब्दों में उलझकर,
उनके अर्थों को तलाश,
जङता, कमज़ोर मानसिकता और कुरीतियों से लेकर,
ज़नतमय देश, श्रमदानमय जिंदगी और बेपरवाह इश्क के वारे में लिखा।

©Rashmi Ranjan #twistedooze 
 Shailkumar Pandey
एक कविता उस कवि के नाम!


एक कविता उस कवि के नाम,
जो,
ठहरी हुई जिंदगी में गुजरे हुए लमहों से लेकर,
शराफत में बीत रहे वक्त्त की आफत पर लिखता है कविता।
एक कविता उस कवि के नाम,
जो,
झुकी हुई निगाहों में चमकती मोहब्बत से लेकर,
बदलते इंसानों केदौर में दोषी ठहराते समय पर लिखता है कविता।
यह कविता उस कवि के नाम,
जिसनें,
जंजीरों में जकड़े हिमालय से आज़ाद हिन्द के वारे में लिखा,
सोने की चिरैया से खोखले हिन्दुस्तान के वारे में लिखा।
यह कविता उस कवि के नाम,
जिसनें,
सरफरोशी से वंदेमातरम के वारे में लिखा,
रात के सन्नाटे में छिपी चांदनी की एहसास के वारे में लिखा।
आज मैं लिखा रही हूँ उस कवि के बारे में, 
जिसनें,
किताबों के पन्नो के बीच लिखे शब्दों में उलझकर,
उनके अर्थों को तलाश,
जङता, कमज़ोर मानसिकता और कुरीतियों से लेकर,
ज़नतमय देश, श्रमदानमय जिंदगी और बेपरवाह इश्क के वारे में लिखा।

©Rashmi Ranjan #twistedooze 
 Shailkumar Pandey