कुछ बाकी है,तेरा मुझमें कुछ कहीं, अस्क मेरा है,पर शक्स मैं तो नहीं, कोई छुप के बैठा है अंदर, कोई चुप जैसे हो समंदर, कोई खुद जैसे हो मंदर* रहता है दिल मे कहीं तू साथ मेरे, छुना चाहूं तो आता नहीं हाथ मेरे, तू नहीं है,तेरी याद ही सही, कुछ बाकी है,तेरा मुझमें कुछ कहीं, सिरहानों के दरम्यान फंसे थे जो कुछ आँसू, पूछते है वो पता मेरा,क्या कहूँ इन्हें के कहाँ हूँ ! कोई तबस्सुम* ढूंढे नजर, कोई गुम है जो पूछे घर, कोई गुमसुम सा है असर, रहता है दर्द,जानता है सारे राज़ मेरे, खुशनुमा चाहूं मै खुद को,आज मेरे, तू नहीं है,यह दर्द है वही, कुछ बाकी है,तेरा मुझमें कुछ कहीं ।। *मंदर - स्वर्ग/heaven *तबस्सुम - मुस्कान/smile #yqbaba #insideme #yqbaba #yqdidi #poetry #hindi #hindipoetry