" के मौत आने तक तलाशुंगा तुझे, तेरी दी जुदाई, क्यूँ बर्दाश्त नही होती। ईक लाश बने ख़ामोश फिरता हूँ , तेरी यादों की खत्म कभी रात नही होती "। ©Sagar Naggrewal #तडपन