अजीब दास्तां है ये कुछ दर्द को अल्फ़ाज़ बना कर पिरोया है, इजाजत अगर हो आपकी तो पेश करूँ कि किस कदर मैंने दास्ता को हसीन दास्ताँ बनाया , #अजित दास्ताँ