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अमन-चैन के लिए जीता हूँ, मैं कभी मंदिर,तो कभी मस्ज़

अमन-चैन के लिए जीता हूँ,
मैं कभी मंदिर,तो कभी मस्ज़िद में पानी पीता हूँ,
मैं क्यूँ खफ़ा हूँ किसी से,
मैं तो अपने हिदुस्तान से दिली मोहब्बत करता हूँ। दिल है हिंदुस्तानी
अमन-चैन के लिए जीता हूँ,
मैं कभी मंदिर,तो कभी मस्ज़िद में पानी पीता हूँ,
मैं क्यूँ खफ़ा हूँ किसी से,
मैं तो अपने हिदुस्तान से दिली मोहब्बत करता हूँ। दिल है हिंदुस्तानी

दिल है हिंदुस्तानी