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........................ आवाज़ तो नेहा के रुम से आ

........................ आवाज़ तो नेहा के रुम से आ रही है निधि बोलती है सब नेहा के रूम में जाते है 

कौन हो  तुम, रो क्यों रही हो, रूम के एक कोने में उजले कपड़े में एक लड़की  मुंह को घुटनों में छुपाए रो रही थी  उसे देख नेहा उससे पुछती है ।
नेहा के कई बार पूछने पर भी वो कोई जवाब नहीं देती बस रोते रहती है 
सोनू - धीरे धीरे उसकी और जाता है, कौन हो तुम, और नेहा के रुम में क्या कर रही हो उसे कोई जवाब ना देता देख फिर पुछता है 
मेरा कमरा है ये एक गुस्सैली डरावनी सी तेज आवाज़ में वो सोनू की और देख कर बोलती है 

जला हुआ चेहरा, सफ़ेद आँखें, बिखरे बाल जिसे देखते ही सोनू डर कर पीछे की ओर गीर जाता हैं
........................ आवाज़ तो नेहा के रुम से आ रही है निधि बोलती है सब नेहा के रूम में जाते है 

कौन हो  तुम, रो क्यों रही हो, रूम के एक कोने में उजले कपड़े में एक लड़की  मुंह को घुटनों में छुपाए रो रही थी  उसे देख नेहा उससे पुछती है ।
नेहा के कई बार पूछने पर भी वो कोई जवाब नहीं देती बस रोते रहती है 
सोनू - धीरे धीरे उसकी और जाता है, कौन हो तुम, और नेहा के रुम में क्या कर रही हो उसे कोई जवाब ना देता देख फिर पुछता है 
मेरा कमरा है ये एक गुस्सैली डरावनी सी तेज आवाज़ में वो सोनू की और देख कर बोलती है 

जला हुआ चेहरा, सफ़ेद आँखें, बिखरे बाल जिसे देखते ही सोनू डर कर पीछे की ओर गीर जाता हैं