वो फिक्र करके सो रही, पर पूरी रात न सोयी है इन रिश्तो के जंजाल में वो बहुत रोयी है। ना कहती है बस हस्ती है,उसकी खुशिया बहुत सस्ती है ना मंज़िल है ना सपने है धोखा देने वाले उसके अपने है धर्म शून्य है,कर्म पुण्य है बच्चो की तरह उसकी गलती अमूल्य है। बचपन पचपन साथ है जीती, उसके ऊपर ही सारी आपबीती। कोशिश की है मैंने भी उसके गमो में साथ जीने की, लेकिंन ना पा सका उसका गम उसे आदत है गमो को पीने की।। #munasif_e_mirza #munasiflove #sanchal #astheticthoughts