कहाँ है कोना,विस्तृत गगन का जहाँ रोता है समय,काल के कंगाल पर कहाँ है युवा देश,सोलह सिंगार का यौवन छटक नहीं रहा कुरुक्षेत्र,देश के व्यपार पर कहाँ है निर्मित विधान,योगदान का कर कृषि नहीं फल रहा,किसानों के हजार पर कहाँ है पृष्ठ भूमि,जनसँख्या के उबार का लोगों का तंत्र,समभाव चुप्पी के दरबार पर कहाँ है विनिवेश,मूल-मंत्र का सुधा रस एकल खिड़की के मानसिकता के बघार पर कहाँ है अनिवार्य शिक्षा,विकासशील समाज का संघीय सौतेला पन,भ्र्ष्टाचार नकल के कगार पर कहाँ है नव भारत,आशा की किरण स्वीकार नहीं जो,ऐतिहासिक विडम्बना के आधार पर! मतदान पश्चात कुछेक शेष! कहाँ है कोना,विस्तृत गगन का जहाँ रोता है समय,काल के कंगाल पर कहाँ है युवा देश,सोलह सिंगार का यौवन छटक नहीं रहा कुरुक्षेत्र,देश के व्यपार पर