#2YearsOfNojoto मैंने समाज के लोगों से सुना है कि गंदगी सिर्फ रंडी के कोठे पर तवायफ के अड्डे पर और रखेल के बिस्तर पर शराबखाने मे पाई जाती है। यह चुतिये क्या बक्कते है यह तो वो जगह है जहां वफा नाम कि पवित्रता हर वक्त मिलती हे। मुझे इस जगह से जादा गंदगी गली नालों मे मिलती है जहां जमाने कि बद चलन औरतें और मर्द अपनी दो टके कि मुहब्बत को फेंक जाते है ।खुदा इन हरामजादो को माफ कर देगा ? जो दिन रात हराम का गोश्त नोचने मे लगे रहते है, जिन के किये गये पाप से केतनी जिंदगीया तबाह हुई है । अगर ऐसा मुमकिन है खुदा इन मर्दों को बख्श देगा.तो उसे इन औरतों को भी माफ करना होगा, जो अपने बच्चों और परिवार के खातिर जिस्म बेच ती हैं , अगर ऐसा मुमकिन है तो खुदा कसम मुझे किसी से कोई शिकायत नहीं । मुझे इस दर्दनाक आग मे चलना मंजूर है .लेकिन मुझसे यह सब छुपाया नहीं जाता मुझे नंगे जिस्म को झूठ का कपड़ा नहीं पहनाया जाता । यह जिस्म नंगे ही रहे तो अच्छा है। क्योंकि यह बाद मे भी इसी चीज हकदार है । "और में ऐसे ही लिखता रहूंगा सच" Ashab Khan.. (Mantoiyat)