आदत ए कल्ब रही मुहब्बत निभानें की, बस वक्त रहते आदत बदल दी हमनें, खुदा तो हर मज़हब में वही मिला हमको बस तरकीब ए इबादत बदल दी हमनें, बदल दी हमनें