जानां इश्क की बहोत बातें करते थे कभी आजमाते बेवजह कभी खुद ही गले लगते थे पर... अरमानों के छत के नीचे साथ एक रात क्या गुजारी उसने.. वही वे नक़ाब करते हैं अब .. जो कभी मोहब्बत करते थे। वो कहते थे कि ... मेरी औकात बस बिस्तर तक की है हमने कहते थे जानां चलों.. फिर आज तुम्हारी चादर बनकर देखते है वो कहते थे .... मेरे जिस्म को यू ढक न सकोगी तुम हमने कहा एक बार ढकने की कोशिश करकर तो देखते हैं उस रात के बाद शाय़द! सब कुछ बदलना ही था हमने सोचा मरने से अच्छा हैं क्यों न हम एक रात साथ जीकर देखते हैं अगले दिन जब सुबह हुई तब वो जा चुके थे हमने सोचा अपनी चंद रात की मोहब्बत के अधूरे किस्से काग़ज़ से बताते हुए क़लम से पूरा करके देखते हैं मोहब्बत के अधूरे किस्से #alone #अधूरीमोहब्बत #Poetry #onlinepoetry #hindipoetry #Nojoto #nojotohindi #nojotopoetry #nojotohindi