फांसी की सज़ा मुकर्रर हो गई उनकी। अब क्या हालात में सुधार होगा? बेटियाँ निकल सकेगी बेख़ौफ घर से। या गली में कोई दरिंदा तैयार होगा।। मुकेश गोगडे बेटियों की आबरू