मौसम था सुहाना , तुमने देखा नहीं। बहारों का ज़माना, तुमने देखा नहीं। इक दिल था वह भी, तुम्हें दे चुके, किया न बहाना, तुमने देखा नहीं। मुन्तज़िर थे हम भी, निगाहों के तेरी, हमारा मुस्कराना , तुमने देखा नहीं। रस्मे-वफा हम ही, निभाते रहे, अपना निभाना, तुमने देखा नहीं। हर मंज़िल तुम्हारे , कदम चूमती है, हमारा ठिकाना, तुमने देखा नहीं। तेरी राहों को रोशन, करते रहे हम, इस दिल का जलाना, तुमने देखा नहीं। "फिराक़",भी था तेरी, उल्फत का मारा, मिज़ाज़ आशिक़ाना, तुमने देखा नहीं। तुमने देखा नहीं... #तुमनेदेखानहीं #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi