दुल्हन नया अनुभव है, दूल्हा संग संभव है, दुल्हन, दूल्हा, दुपहिया, दुपहरी जेठ की, दू का रंग नव -नव है। दोस्त दो के दोगाने न, तुकबंदी के बहाने न, दो के संग, दो हवा किस्म से जल द्रव है। इहलोक, परलोक, आत्मा परमात्मा, दो की युगलबंदी से सारा समां, शमां लौ हवा से रोशन वरना शव है। ©BANDHETIYA OFFICIAL #दू की संगत दुल्हन दूल्हा !