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तेरी मुस्कुराहट से हासिल थी साँसें, सिवा इसके मु

तेरी  मुस्कुराहट से हासिल थी  साँसें,
सिवा इसके मुझ पर तेरा क़र्ज़ क्या है

फ़क़त ख़्वाहिशों से न मिलती है ज़न्नत,
है  मसला  यहाँ ये,  वहाँ  दर्ज़  क्या  है

सिखाने चले हो क्यूँ ' साहिल' को मज़हब,
है  मालूम  मुझको  मेरा  फ़र्ज़  क्या  है।
@शमशेर 'साहिल' #Jannat#Farz#Karz
#शमशेर_साहिल
#Shamsher_Sahil
#pain
#tears 
#GhazalOfSahil
#BestPoetryEver
#HindiShayri
तेरी  मुस्कुराहट से हासिल थी  साँसें,
सिवा इसके मुझ पर तेरा क़र्ज़ क्या है

फ़क़त ख़्वाहिशों से न मिलती है ज़न्नत,
है  मसला  यहाँ ये,  वहाँ  दर्ज़  क्या  है

सिखाने चले हो क्यूँ ' साहिल' को मज़हब,
है  मालूम  मुझको  मेरा  फ़र्ज़  क्या  है।
@शमशेर 'साहिल' #Jannat#Farz#Karz
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