एक बार राजा अपने वजीर के साथ सफर पर निकला राजा घोड़े पर सवार था और वजीर पैदल चल रहा था रास्ते में जब एक गांव से गुजर तो गांव वालों ने कहा देखो राजा कितना घमंडी है खुद घोड़े पर चल रहा है और वजीर पैदल चल रहा इस बात को राजा ने सुन लिया और पैदल चलने लगा और अपने वजीर को घोड़े पर बैठा दिया फिर एक गांव गुजरे तो गांव वालों ने कहा देखो वजीर कितना पागल है राजा पैदल चल रहा है और खुद घोड़े पर बैठा है राजा ने इस बात को भी सुन लिया और अब राजा वजीर दोनों घोड़े पर बैठ गए अब फिर किसी गांव से गुजरे तो गांव वालों ने फिर कहां देखो कितने पागल हैं बेजुबान जानवर पर दो दो बैठे हैं राजा ने इस बात को भी सुन लिया अब वे दोनों पैदल चलने लगे किसी गांव से फिर गुजरे तो लोगों ने फिर कहा देखो कितने पागल है सवारी हे फिर भी ये दोनों पेदल चल रहें हैं दोस्तों इस कहानी का मतलब है कि आप कुछ भी करो लेकिन दूसरे लोग आपके बारे में गलत ही सोचते हैं ©Tahir Khan #mountain राजा और वजीर की कहानी ऐसी कहानी जो आपके जीवन को बदल सकती है