भेड़ चाल चलने में क्या है मज़ा मज़ा तो रास्ता अपना खुद बनाने में है किसी को रुलाने में क्या मज़ा मज़ा तो रुलाने वाले को हसाने में है जीतने में क्या है मज़ा मज़ा तो हार कर जीत जाने में है आगे वाले को सब सराहते हैं मज़ा तो पीछे वाले को आगे लाने में है।। #nojotopoetry#Kavita#content#rasta#openpoetry#nojotohindi