उस तरफ खामोश है एक कोना इस तरफ शोर है अँधा छत यहाँ, वहाँ इधर,उधर चारों, तरफ फैला असंतोष मन अशांत कैसे लिखूं सेवा सम्मान कर्म प्रधान! नजीर से शरीर से तीर से अधीर से सुधीर से चिंतन धर्म स्व संतोष भूचाल भरा पग पग नया नहीं सम्भलना होगा चलना होगा। सिर्फ चलना चाहो,दुरी मनमुताबिक ही तय होगी।। सुप्रभात। उस तरफ़ किस तरफ़ मन की तरफ़। #उसतरफ़ #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #विप्रणु #yqdidi #life #poetry