नव जवानान ए दौर ए हाज़िर से खिताब तुझ को हो सकता नहीं नशा कभी तेरे पीने के ये गर अंदाज़ हैं मैं तो कहता हूं कि जीना छोड़ दे तेरे जीने के गर यही अंदाज़ हैं नवजवानान ए दौर ए हाज़िर =आज के दौर के नव जवान ©imtiyaz khan #boat #youth #Encouragement