ख़ुदगर्ज ज़िंदगी..... कितनी ख़ुदगर्ज है ये ज़िंदगी ख़ुद को ख़ुद से मिटाती है ये ज़िंदगी अपने सपनों को धूल बनाती है ये ज़िंदगी रात को दिन कह अक्सर झूठलाती है ये ज़िंदगी ।। by √ammi ©Ammi #ammi#ankhe__alfaj #Time