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किसी के लौट आने का एहसास मुझे अब भी है । चला गया ज

किसी के लौट आने का एहसास मुझे अब भी है ।
चला गया जो नजरों से दूर दिल के पास अब भी है ।।

की तेरे साथ मेरे कई सुनहरे वक्त गुजरे थे .
 तुझे कैसे बताऊँ मैं तेरा वो खुमार अब भी है।

गुज़ारे हैं कई मौसम मैंने यूँ हीं अंधेरों में.
किया था जिन्दगी रौशन वो मेरा खास अब भी है।।

नज़र आयेंगे नाज़ारे वो हीं फिर से उसको.
दिल ए नादान को उनसे ये थोड़ी आस अब भी है।।






               "परम् भाग्यम्" तीन दिन
में एक गज़ल का प्रारूप दे पाया . आप सभी अनुमति देंगे तो स्वयं से गाकर भी प्रेषित करूँगा . फिलहाल इसकी त्रुटि बताएं
स्मृतिशेष .........❤️❤️❤️❤️
किसी के लौट आने का एहसास मुझे अब भी है ।
चला गया जो नजरों से दूर दिल के पास अब भी है ।।

की तेरे साथ मेरे कई सुनहरे वक्त गुजरे थे .
 तुझे कैसे बताऊँ मैं तेरा वो खुमार अब भी है।

गुज़ारे हैं कई मौसम मैंने यूँ हीं अंधेरों में.
किया था जिन्दगी रौशन वो मेरा खास अब भी है।।

नज़र आयेंगे नाज़ारे वो हीं फिर से उसको.
दिल ए नादान को उनसे ये थोड़ी आस अब भी है।।






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