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_Vishal_ तारीफ करते-करते माँ की कैसे मे पिता को भु

_Vishal_ तारीफ करते-करते माँ की कैसे मे पिता को भुल गया।
माँ के पेरो मे हे जनत, तो पिता के पेरो मे भी स्वर्ग हे ये क्यु मे भुल गया।
अगर माँ ने मुझें उन काले अंधेरो से बचाया हे, तो पिता ने ले कर जुगनुओ का सहारा उन अंधेरो मे चलना मुझें सिकाया है।
माँ का प्यार तो याद रहा फिर कैसे मे पिता का सहारा भुल गया। 
अगर माँ ने मुझें पकड कर खाना खीलायाँ हे, तो पिता ने जलती धुप मे तप कर उस खाने को कमाया हे।
माँ ने कई बार गीरते हुए मुझें सभाला हे, तो पिता ने कठिन परिस्थितियों मे चलना मुझें सिखाया हे।
जीवन की यही सचाई हे माँ कि सेवा मे जनत, तो पिता की सेवा मे स्वर्ग की कमाई हे।
 Ridhima Rai Shivangi Vyas A..sahu A.. J (sHâYàRï) 🗨🗯📜📙 Ritika Gupta
_Vishal_ तारीफ करते-करते माँ की कैसे मे पिता को भुल गया।
माँ के पेरो मे हे जनत, तो पिता के पेरो मे भी स्वर्ग हे ये क्यु मे भुल गया।
अगर माँ ने मुझें उन काले अंधेरो से बचाया हे, तो पिता ने ले कर जुगनुओ का सहारा उन अंधेरो मे चलना मुझें सिकाया है।
माँ का प्यार तो याद रहा फिर कैसे मे पिता का सहारा भुल गया। 
अगर माँ ने मुझें पकड कर खाना खीलायाँ हे, तो पिता ने जलती धुप मे तप कर उस खाने को कमाया हे।
माँ ने कई बार गीरते हुए मुझें सभाला हे, तो पिता ने कठिन परिस्थितियों मे चलना मुझें सिखाया हे।
जीवन की यही सचाई हे माँ कि सेवा मे जनत, तो पिता की सेवा मे स्वर्ग की कमाई हे।
 Ridhima Rai Shivangi Vyas A..sahu A.. J (sHâYàRï) 🗨🗯📜📙 Ritika Gupta
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तारीफ करते-करते माँ की कैसे मे पिता को भुल गया। माँ के पेरो मे हे जनत, तो पिता के पेरो मे भी स्वर्ग हे ये क्यु मे भुल गया। अगर माँ ने मुझें उन काले अंधेरो से बचाया हे, तो पिता ने ले कर जुगनुओ का सहारा उन अंधेरो मे चलना मुझें सिकाया है। माँ का प्यार तो याद रहा फिर कैसे मे पिता का सहारा भुल गया। अगर माँ ने मुझें पकड कर खाना खीलायाँ हे, तो पिता ने जलती धुप मे तप कर उस खाने को कमाया हे। माँ ने कई बार गीरते हुए मुझें सभाला हे, तो पिता ने कठिन परिस्थितियों मे चलना मुझें सिखाया हे। जीवन की यही सचाई हे माँ कि सेवा मे जनत, तो पिता की सेवा मे स्वर्ग की कमाई हे। @Ridhima Rai @Shivangi Vyas A..sahu A.. J (sHâYàRï) 🗨🗯📜📙 @Ritika Gupta